Wednesday 10 May 2017

alexander sikandar story जो जीता वही सिकंदर

जो जीता वही सिकंदर, मालूम नही ये मुहावरा किसने दिया होगा लेकिन इसके शब्दों पर गौर करे तो ये मुहावरा गलत है सच में तो sikandar जीता ही नही था बल्कि हार गया था.
दरअसल जिस महान युद्ध में सिकंदर (sikandar) के जितने की बात कही जाती है उसमे वो हार गया था। उस युद्ध का विजेता “पोरस” था  सिकंदर (sikandar) पुरे संसार को जितने का सपना लिए भारत आया था और एक के बाद एक लड़ाई जीतता गया वो पुरे विश्व पर अपना कब्ज़ा चाहता था उसके इतनी द्वारा लड़ाईया जीतने के बाद इतिहासकार इस बात को मानने के लिए तैयार नही है की वो पोरस के साथ युद्ध में हार गया था और पुरे भारत में ये बात फ़ैल गई की सिकंदर जीत गया है
सिकन्दर (sikandar) ने हार के बाद सोचा की युद्ध से उसे क्या हासिल हुआ? हार? नही, उस हार ने उसकी सोच बदल दी.और असल में उसकी जीत युद्ध हारने के बाद शुरू हुई. एक दिन सिकंदर बहुत बिमार हो गया और एक शाम मर गया। जब उसकी अंतिम यात्रा में उसकी अर्थी से दोनों हाथ बहार थे, और इसकी अर्थी को देखने के लिए बहुत लोग आए और उन्होंने कहा की ये तो हमारे महान शासक का अपमान है लेकिन पता चला की ऐसी इच्छा सिकंदर की ही थी, कि उसकी अंतिम यात्रा में उसके  हाथ अर्थी के बहार होने चाहिए। अब सवाल आता है सिकंदर ऐसा क्यों चाहता था??
मरने से पहले, सिकंदर की इच्छा थी जो उसने अपने एक साथी को बताई थी की मरने क बाद उसके दोनों हाथ अर्थी से बहार लटका दिये जाए ताकि संसार देख सके कि सिकंदर इस दुनिया में खाली हाथ आया था और खाली हाथ जा रहा है .
उसने दुनिया को दिखा दिया कि संसार में सब खाली हाथ आते है और खाली हाथ जाते है और उस दिन से ही घमंडी और क्रूर राजा जीत का प्रमाण बन गया जिस युद्ध में वो हार गया था उसे भी किताबो और लोगो के दिलो में वो जीत गया और मुहावरा प्रचलित हो गया “जो जीत वही सिकंदर”
सिकंदर ने तलवार के दम पर दुनिया को जीतना चाहा पर उसे समझ आ गया कि ऐसा करना सम्भव नही है और उसने दुनिया को विचारो के दम पर लोगो के दिलो को जीता। जो इस बात को समझ जाता है वो जीत जाता है और जो जीत जाता है वो सिकंदर कहलाता है.
Source : http://achiseekh.com

No comments:

Post a Comment

Popular Posts